इकना ने alraimedia.com के हवाले से बताया कि मनाबिरुल-कुरआनिया एसोसिएशन की प्रशासनिक परिषद के उपाध्यक्ष मोहम्मद अल-शति ने कहा: कि "यह परियोजना कुवैत के अंदर और बाहर मनाबिरुल-कुरआनिया एसोसिएशन की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है, जहां कुरान के शिक्षक और प्रोफेसर सही ढंग से पढ़ते हैं। जैसे वे सूरह हमद की सही तालीम देते हैं।
उन्होंने कहा: कि "इस परियोजना का कुवैती और गैर-कुवैती नागरिकों द्वारा व्यापक रूप से स्वागत किया गया है और चार वर्षों में 60,000 से अधिक लोगों ने इसका स्वागत किया है।
मोहम्मद अल-शति ने कहा: कि "उम्मुल-किताब" कुरान की मां, सुराह अल-हमद के पत्रों में से एक है। और हर मुसलमान इस सूरह की फज़ीलत को जानता है" नमाज़ में इसकी सही केराअत वाजिब है और रोज़ाना वाली नमाज़ में इस सूरह अल-हमद को पढा जाता है और हर मुसलमान रोज़ाना 17 बार दिन में पढता है।
मनाबिरुल-कुरआनिया एसोसिएशन की प्रशासनिक परिषद के उपाध्यक्ष ने कहा: कि "इस सुरा के महत्व और इसमें पढ़ने और चिंतन के गुण को देखते हुए मनाबिरुल-कुरआनिया एसोसिएशन ने इस परियोजना के लिए अनुभवी और योग्य शिक्षकों का उपयोग किया है और इस साल इस परियोजना को ऑनलाइन लागू किया जाएगा।
उन्होंने याद दिलाया: कि "उम्मुल-किताब" योजना की विशेष पुस्तिकाओं को विभिन्न प्रांतों में वितरित किया गया है और इन पुस्तिकाओं में सूरह हमद को पढते समय सामान्य गलतियों को समझाया है।
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