कुरान क्या कहता है / 6
तेहरान (IQNA) मनुष्य जीवन के कठिन समय में अपने ईश्वर को पुकारता है, लेकिन कभी-कभी ऐसा लगता है कि उसकी आवाज का उत्तर नहीं दिया जाता है। ऐसे में क्या हमें इस बात पर पुनर्विचार करना चाहिए कि भगवान किस तरह से पढ़ते हैं या कान की क्षमता पर संदेह करते हैं जिसने उत्तर नहीं सुना है?
समाचार आईडी: 3477398 प्रकाशित तिथि : 2022/06/06